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"इनकी उनकी खिदमत करो / भारतेंदु हरिश्चंद्र" के अवतरणों में अंतर

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12:46, 12 जुलाई 2010 के समय का अवतरण

इनकी उनकी खिदमत करो ।
रुपया देते देते मरो ।
तब आवै मोहिं करन खराब ।
क्यों सखि सज्जन नहिं खिताब ।