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"गुड़िया-8 / नीरज दइया" के अवतरणों में अंतर

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(नया पृष्ठ: <poem>दिन में होती है बहुत चहल पहल गुड़िया का मन बहल ही जाता है रात मे…)
 
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22:42, 22 जुलाई 2010 के समय का अवतरण

दिन में होती है
बहुत चहल पहल
गुड़िया का मन
बहल ही जाता है

रात में अकेली
तारे गिनती है
कभी डालती है डोरे
चाँद पर !