भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"तुम और मैं / जय छांछा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जय छांछा |संग्रह= }} Category:नेपाली भाषा {{KKCatKavita‎}} <Poem> सु…)
 
(कोई अंतर नहीं)

00:53, 3 अगस्त 2010 के समय का अवतरण

सुनो ! मेरी प्रिये !!

तुम और मैं
रोबिन चश्मे के दो शीशे
गर्म ऊन के दो दस्ताने
विमल कंपनी के दो मोजे
लेकिन पहनने वाला
शरीर है एक ।

मूल नेपाली से अनुवाद : अर्जुन निराला