गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
हम मुहब्बत में ढील देते हैं / सर्वत एम जमाल
133 bytes removed
,
12:49, 5 सितम्बर 2010
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
}}
|
रचनाकार=सर्वत एम जमाल
संग्रह=
}}
{{
KKCatGazal
KKCatGhazal
}}
<poem>
हम मुहब्बत में ढील देते हैं
आइना बेजुबान होता है
जब कि चेहरे दलील देते हैं<
poem
/
poem
>
Firstbot
बॉट
,
प्रशासक
,
सदस्य जाँच
,
प्रबंधक
,
widget editor
1,572
edits