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जैसा भी है
रचनाकार | बिरजीस राशिद आरफ़ी |
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प्रकाशक | शायर स्वयं |
वर्ष | 2007 |
भाषा | हिन्दी / उर्दू |
विषय | शे'री मजमूआ / काव्य संग्रह |
विधा | |
पृष्ठ | 133 |
ISBN | |
विविध |
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नज़्में
- यह है मेरा वतन / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- तू गुनाहगार है / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- शहीद-ए-उत्तराखण्ड / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- तू भी समझे मैं भी समझूँ / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- आह! बाग़ी जी / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- नव वर्ष ! इधर मत आना/ बिरजीस राशिद आरफ़ी
- गीत-1 / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- गीत-2/ बिरजीस राशिद आरफ़ी
- रात मेरे शहर में / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- दोराहा / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- क़ताआत / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- दोहे / बिरजीस राशिद आरफ़ी
ग़ज़लें
- वो अपनी मुफ़लिसी जब भी छुपाने लगता है / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- तेरे आने की जब ख़बर आई / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- भुला के धर्म को मज़हब को आशना बन जाएँ / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- अहदे-जवानी की वो बातें,प्यार का क़िस्सा भूल गया / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- मेरी बात को मानो यारो, अक्सर लजलते देखे हैं / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- ग़म की रूदाद सुनाने नहीं देती दुनिया / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- मेरी हक़ीक़त ज़र्रा हूँ / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- तेल के कनस्तर से पानी डालने वाले / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- बहाव के मुख़ालिफ़ बह के देखो / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- आशिक़ाना मिज़ाज है मेरा / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- रात भर ढूँढता फिरा जुगनू / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- भूल पाए न थे ट्रेन का हादिसा / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- धूम ऐसी मचा गया कोहरा / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- इक ख़ुश्क समंदर है, मुझे ढूँढ रहा है / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- किसने कहा कि साक़ी मुझे बेहिसाब दे / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- उसने मेरी वफ़ाओं का अच्छा सिला दिया / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- हमने ने हर नए ग़म पर क़हक़हे लगाए हैं / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- तेरे वादों पे अब इस तरह गुज़र करना है / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- / बिरजीस राशिद आरफ़ी
- / बिरजीस राशिद आरफ़ी