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"अधूरा है: सुन्दर है/ बलदेव वंशी" के अवतरणों में अंतर

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दुधिया दांतों तोतला बोल
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बुनाई हाथों के स्पर्श का अहसास!
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ऊनी धागों में लगी अनजानी गांठें, उचटने
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सिलाई के टूटे-छूटे धागे
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चित्र में उभरी, बे-तरतीब रंगतें-रेखाएं
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शायद इसीलिए
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अभावों में भाव अधिक खिलते हैं,
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चुभते आलते और खलते हैं
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एक टीस की अबूझ स्मृति
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जीवनभर सालने वाली
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आकाश को ड़ो फांक करती तड़ित रेखा
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और ऐसा ही और भी बहुत कुछ
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जिसे लोग अधूरा या अबूझ मानते आए हैं
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उसे ही सयाने लोग
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पूरा और सुन्दर बखानते गए हैं
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चाहे हुए रास्ते, जीवन और पूरे व्यक्ति
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कहाँ मिलते हैं!
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नियति के हाथों
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औचक मिले
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मानसिक घाव
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पूरे कहाँ सिलते हैं!...

14:27, 7 अक्टूबर 2010 का अवतरण


अधूरा है: सुन्दर है

अधूरा है!
इसीलिए सुन्दर है!
दुधिया दांतों तोतला बोल
बुनाई हाथों के स्पर्श का अहसास!
ऊनी धागों में लगी अनजानी गांठें, उचटने
सिलाई के टूटे-छूटे धागे
चित्र में उभरी, बे-तरतीब रंगतें-रेखाएं

शायद इसीलिए
अभावों में भाव अधिक खिलते हैं,
चुभते आलते और खलते हैं

एक टीस की अबूझ स्मृति
जीवनभर सालने वाली
आकाश को ड़ो फांक करती तड़ित रेखा
और ऐसा ही और भी बहुत कुछ
जिसे लोग अधूरा या अबूझ मानते आए हैं
उसे ही सयाने लोग
पूरा और सुन्दर बखानते गए हैं

चाहे हुए रास्ते, जीवन और पूरे व्यक्ति
कहाँ मिलते हैं!
नियति के हाथों
औचक मिले
मानसिक घाव
पूरे कहाँ सिलते हैं!...