Changes

|संग्रह=लोग ही चुनेंगे रंग / लाल्टू
}}
{{KKCatKavita‎}}
<poem>
 
औरत बनने से पहले
(हालाँकि सत्रह की है)
तनाव से उसके गाल
फूले हैं और अधिक
गर्दन की त्वचा है महकती -सी
यह लड़की
एक दिन गदराई हुई होगी
कई परीक्षाओं , अनचाही मुस्कानों को
अपनाते बीत चुका होगा
कैशोर्य का अन्तिम पड़ाव
आश्वस्त? या बहुत घबराई
बहुत घबराई!
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,320
edits