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"मन करै / ओम पुरोहित ‘कागद’" के अवतरणों में अंतर

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मन
 
कीं न कीं
 
कीं न कीं
 
करतो रै’वै ।
 
करतो रै’वै ।

01:58, 24 अक्टूबर 2010 के समय का अवतरण

मन
कीं न कीं
करतो रै’वै ।
मन करै
पाखंड़ी बणूं
कळी बणूं
फळ बणूं
या
बा डांडी बणूं
जकी माथै लागै
पांखड़ी
कळी
फूल
फळ ।
अर फेर करै
बणूं भंवरो
सुंघू फूल
बेअंत
कदै ई करै
बणूं रुत
फगत बसंत ।