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दाँव पर सब कुछ लगा है, रुक नहीं सकते,<br>
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वृक्ष हों भले खड़े, हो घने, हो बड़े, <br>
टूट सकते हैं, मगर हम झुक नहीं सकते।<br>
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एक पत्र-छॉंह भी मॉंग मत, मॉंग मत, मॉंग मत! <br>
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अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ! <br>
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कविता कोश में [[अटल बिहारी वाजपेयी]]
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कविता कोश में [[हरिवंशराय बच्चन]]
 
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18:51, 6 जून 2008 का अवतरण

 एक काव्य मोती
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वृक्ष हों भले खड़े, हो घने, हो बड़े,
एक पत्र-छॉंह भी मॉंग मत, मॉंग मत, मॉंग मत!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!

कविता कोश में हरिवंशराय बच्चन