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"कवि सादी की सीख / इवान बूनिन" के अवतरणों में अंतर
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खजूर के पेड़ की तरह उदार बनो
यदि बन नहीं सको वैसा तुम
सरू के पेड़ का तना बनो
सहज और सरल
विशाल-हृदय
अविरल
(मार्च 1912)
मूल रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय