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"मादा/कन्हैया लाल सेठिया" के अवतरणों में अंतर

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|रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया
 
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<Poem>
 
  
 
भोर भोर
 
फरांस पर बेठी लीलटांस
 
चाणचक ही उड़गी,
 
आभे रे अणपार लीलास में
 
जागगी कोई याद
 
कोई सपनूँ,
 
ऊँची र ऊँची
 
उड़ती गई
 
लारे छुट्ग्यो आलो
 
मोबी बचिया
 
अबे बा
 
कोनी माँ
 
खाली माता है 
 
 
</poem>
 

18:48, 13 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण