भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पानी अंधेरे में / प्रयाग शुक्ल
Kavita Kosh से
विनय प्रजापति (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:02, 1 जनवरी 2009 का अवतरण
लेटा है पानी
अधेरे में
ढका
अंधेरे से ।
देखो, वह फिर भी
पड़ता है दिखाई ।