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छोटा सा अकेलापन / यानिस रित्सोस / अनिल जनविजय

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आँगन के इस कोने में,
साबुन के झाग भरे पानी से
घिरी क्यारी में,
कुछ गुलाब फैला रहे हैं अपनी सुगन्ध

पर कोई
इन गुलाबों को
नहीं सूँघता ।

कैसा भी हो अकेलापन
छोटा नहीं होता ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय