Last modified on 18 अप्रैल 2011, at 21:05

बड़ा नटखट है रे / भजन

Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:05, 18 अप्रैल 2011 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बड़ा नटखट हे रे कृष्ण कन्हैया
का करे यशोदा मैया ....

ढूंढे री अँखियाँ उसे चहुँ और
जाने कहाँ छुप गया नन्द किशोर
उड़ गया ऐसे जैसे पुरवैया..
का करे यशोदा मैया ...

आ तोहे मैं गले से लगा लूँ
लागे न किसी की नज़र मन मे छुपा लूँ
धुप जगत है रे ममता है छैयाँ
का करे यशोदा मैया..

मेरे जीवन का तू एक ही सपना
जो कोई देखे तोहे समझे वो अपना
सब का है प्यारा, हो सब का प्यारा बंसी बजैया
का करे यशोदा मैया..