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वे बड़े हैं / मुकेश जैन

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वे बड़े हैं

वे बड़े हैं
(वे अपना बड़ा होना बताना चाहते हैं)
वे चाहते हैं
हम उन्हें सुबह-शाम नमस्ते करें.
(वे विश्वब विद्यालय के छात्र नहीं हैं)

हमें ध्यान रखना है वे कुपित न हों.
वे पीटेंगे हमें.
(विश्वविद्यालय के वरिष्ट छात्रों की तरह नहीं)
मटियामेट कर देंगे.

वे बड़ी सफाई से हफ्ता वसूली करते हैं.

जो उन्हें नमस्ते नहीं करते,

                दुनिया को उनसे खतरा है

वे हमें उनसे मुक्ति दिलाते हैं.

वे बड़े हैं
(समय-समय पर इसकी याद दिलाते हैं).

रचनाकाल: 21/फरवरी/2005