Last modified on 24 दिसम्बर 2010, at 15:16

एक आदमी होता था / अजेय

अजेय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:16, 24 दिसम्बर 2010 का अवतरण

पहले एक गोरेय्या होती थी
एक आदमी होता था
लेकिन आदमी इतना ऊँचा उड़ा
कि गोरेय्या खो गई!

पहले एक पहाड़ होता था
एक आदमी होता था
लेकिन आदमी ऐसे तन कर खड़ा
कि पहाड़ ढह गया!

पहले एक नदी होती थी
एक आदमी होता था
लेकिन आदमी ऐसे वेग से बहा
कि नदी सो गई!

पहले एक पेड़ होता था
एक आदमी होता था
लेकिन आदमी ऐसे ज़ोर से झूमा
कि पेड़ सूख गया!

पहले एक पृथ्वी होती थी
एक आदमी होता था
लेकिन आदमी इतने ज़ोर से घूमा
कि पृथ्वी रो पड़ी!

.... पहले एक आदमी होता था.

मई 4, 2010. कुल्लू