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जंगल / रतन सिंह ढिल्लों
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हम जंगल उगा रहे हैं
फ़ाइलों में
जंगल पढ़ा रहे हैं
पाठ्य-पुस्तकों में ।
जंगल तो केवल
एक तस्वीर बन गए हैं
ड्राइंग रूम की ।
जंगल तो
केवल काटे जा सकते हैं
उगाए नहीं जा सकते ।
मूल पंजाबी से अनुवाद : अर्जुन निराला