Last modified on 1 फ़रवरी 2011, at 18:05

धोबिया धोवे धोबी-घाट आली / रसूल

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:05, 1 फ़रवरी 2011 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

रसूल का यह गीत अधूरा है, आपके पास हो तो इसे पूरा कर दें

धोबिया धोवे धोबी-घाट आली
सत् के साबुन, प्रेम के पानी,
नेह के मटकी में संउनन<ref>पानी, साबुन और कपड़े को मिलाकर मसलना</ref> डाली ।

पाप,पुण्य के धोवे धोबिया,
सत् के घाट पर धोवे धोबिया,
सूखे धरम के डाली ।

धोबिया धोवे धोबी-घाट आली ।

(यह गीत रसूल के 'धोबिया-धोबिनिया' नाटक में शामिल था)

शब्दार्थ
<references/>