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जीवन मृत्यु / अनिल जनविजय
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(प्रभात मित्तल के लिए)
मृत्यु
नहीं है अन्तिम क्षण
उसके बाद भी है
जीवन
जब तक
स्मृति के अवशेष
तब तक रहता
जीवन शेष
(1999 में रचित)