Last modified on 17 अक्टूबर 2013, at 14:34

मतीरा / कन्हैया लाल सेठिया

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:34, 17 अक्टूबर 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कियां
ल्यायो हूं
उठा‘र
सोटां सट्टै
पीड़ रै खेत स्यूं
सबदां रा मतीरा
जाणै आ बात
म्हारो जीव ?
अबै भंलाई कर‘र लीरा
कुचर कुचर‘र
खुपरयां
पिओ अमरित सो
पाणी
पण अती थानै
म्हारी भोळावण
राखीज्यो बीज ठाया
आगली रूत ताणी !