Last modified on 6 मार्च 2011, at 03:08

कविता को फांसी / कन्हैया लाल सेठिया

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:08, 6 मार्च 2011 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कविता ने किया विरोध
अन्याय का, भ्रष्टाचार का
अपसंस्कृति का, शोषण का
एटम के परीक्षण का
तब कविता के बैरियों ने
एकत्र हो कर
दे दी अर्जी कचहरी में
हाकीम मे भिजवाया-
समन कविता को
कचहरी में राजाज्ञा रखने
तारीख पर कविता हुई हाजिर
पेशकार ने सुनाएं आरोप
कहा कविता को
अपना बयान देने के लिए
कविता ने कहा-
सारे आरोप सही हैं
दी जाए सजा
हाकीम ने दिया फैसला-
कविता को फांसी दी जाए ।


अनुवाद : नीरज दइया