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मौत की मुस्कराहट / हरकीरत हकीर
Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:03, 31 मार्च 2012 का अवतरण
रात वह फिर आई ख़्वाब में
चुपके से रख गई
कुछ लफ़्ज़़ झोली में
मैंने देखा
मौत की मुस्कराहट
कितनी हसीं थी...!!