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तूफ़ान के बाद / स्वप्निल श्रीवास्तव

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हवा थम गई थी

यह तूफ़ान का संकेत था

चारों दिशाएँ धुन्ध में डूबी हुई थीं

चुपचाप खड़े थे दरख़्त

उनमें कोई हरकत नहीं हो रही थी


बच्चे आकाश देख कर तालियाँ पीट रहे थे

लोग बाहर अगोर रहे थ तूफ़ान


तूफ़ान अच्छा लगता है

जब देर के बाद आता है

पुरानी चीज़ों को ध्वस्त करता हुआ

नई चीज़ों की नींव डालता हुआ


चीज़ें कितनी शान्त और साफ़ हो जाती हैं

तूफ़ान के बाद जो कमज़ोर रहते हैं, टूट जाते हैं

जो मज़बूत रहते हैं, वे तने हुए खड़े रहते हैं


सुखद लगती है हवा तूफ़ान के बाद

मौसम मुलायम और ख़ुशनुमा हो जाता है

शाम को आसमान एकदम नीला दिखाई देता है

उत्तर दिशा से किसी चित्रकार की पेंटिंग की तरह

मोहक लगती हैं पहाड़ियाँ

पृथ्वी के स्वाभिमान की तरह

आसमान को छूती रहती हैं