भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
ऐसा क्यों / राजेन्द्र जोशी
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:57, 28 सितम्बर 2011 का अवतरण
एक बोले
तो बाकी चुप !
ऐसा क्यों ?
एक चुनाव जीते
तो कुछ बोलें !
ऐसा क्यों ?
सड़क पर गर्मी
झेले सब
फिर भी कोई नहीं बोले !
कई मरेंगे
मारे जाएंगे
फिर बोलेंगे !
ऐसा क्यों ?
कवि कह गये रघुवीर सहाय
‘ वे और न होंगे जो मारे जाएंगे‘
फिर भी चुप !
ऐसा क्यों ?