भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
हाइकु / जगदीश व्योम
Kavita Kosh से
डा० जगदीश व्योम (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:14, 13 अक्टूबर 2019 का अवतरण
उगने लगे
कंकरीट के वन
उदास मन।
छिड़ा जो युद्ध
रोयेगी मानवता
हँसेंगे गिद्ध।