पुल के ऊपर से
अनगिनत पैर गुजर चुके हैं
तुम जब गुजरो
तुम्हारे पैरों के निशान
पुल के न होने पर भी, हों
पुल से होकर बहने वाली नदी
बार-बार कहे
तुम हो
तुम हो।
पुल के ऊपर से
अनगिनत पैर गुजर चुके हैं
तुम जब गुजरो
तुम्हारे पैरों के निशान
पुल के न होने पर भी, हों
पुल से होकर बहने वाली नदी
बार-बार कहे
तुम हो
तुम हो।