Last modified on 10 अप्रैल 2015, at 20:57

शीतल छाँव देता( हाइकु) /रमा द्विवेदी

Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:57, 10 अप्रैल 2015 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

   
1-सर पे हाथ

उँगलियों का स्पर्श

स्वर्ग का सुख ।



2-हर गम में

शीतल छाँव देता

माँ का आशीष ।



3-साथ हैं सदा

अम्मा -बाबा की यादें

हिदायतें भी ।



4-तन से दूर

पर मन के पास

माँ की ममता ।



5-सज़ा भोगती

ममता लुटा कर

जहर पीती ।