अरविन्द श्रीवास्तव / परिचय
बिहार से हिन्दी के युवा कवि हैं, लेखक हैं। संपादन-रेखांकन और अभिनय -प्रसारण जैसे कई विधाओं में आप अक्सर देखे जाते हैं। जितना आप प्रिंट पत्रिकाओं में छपते हैं, उतनी ही आपकी सक्रियता अंतर्जाल पत्रिकाओं में भी है।
जन्म तिथि : 2 जनवरी 1964
पिता : श्री हरिशंकर श्रीवास्तव `शलभ´
शिक्षा : एम. ए. द्वय (इतिहास और राजनीति विज्ञान) पी .एच. डी. (मधेपुरा जिला का ऐतिहासिक सर्वेक्षण -1887-1947)
प्रकाशित: वागर्थ, वसुधा, पाखी, हंस, शुक्रवार, जनसत्ता, परिकथा, दोआबा, उद्भावना, साक्ष्य (बिहार विधान परिषद), वर्तमान साहित्य, अक्षर पर्व, कृति ओर, प्रतिश्रुति, शेष, जनपथ, एक और अंतरीप, मीडिया विमर्श, साक्षात्कार, देशज, दस्तावेज, उत्तरार्द्ध, सहचर, कारखाना, अभिघा, शीतल वाणी, मुक्तिबोध, शोध दिशा, सारांश, सरोकार, प्रखर, कथाबिंव, योजनगंधा, औरत , आकल्प, शैली, अपना पैग़ाम, संभवा, कला-अभिप्राय, रास्ता, ये पल, मंडल विचार, क्षितिज, आदि ।
कृतियाँ: ’राजधानी में एक उज़बेक लड़की'[[1]], `एक और दुनिया के बारे में´ एवं अफ़सोस के लिए कुछ शब्द (राजभाषा विभाग-मंत्रिमंडल सचिवालय, बिहार सरकार से प्राप्त आर्थिक अनुदान से प्रकाशित)कविता कभी मरेगी नहीं ` कैद हैं स्वर सारे´ संपादन और संयोजन का भी आपको अनुभव है। कारखाना ( जर्मन साहित्य पर केन्द्रित अंक-27) का संयोजन । ’सिलसिला´ पत्रिका एवं `सुरभि´का संपादन। हिन्दी,उर्दू एवं मैथिली पुस्तक एवं पत्रिकाओं में रेखाकंन- आवरण, क्षे़त्रीय फिल्मों में अभिनय प्रसारण : आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से काव्य / आलेख ।
सम्मान: स्थानीय स्तर पर कई सम्मान सहित सह्स्राब्दी विश्व हिन्दी सम्मेलन, नई दिल्ली में सम्मानित, ’हिन्दी ब्लोग प्रतिभा सम्मान-२०११’ ’कवि मथुरा प्रसाद गुंजन स्मृति सम्मान 2012’से सम्मानित, अनेक प्रसारण केन्द्रों - रेडियो बर्लिन इन्टरनेशनल, रे. ताशकंद, रे.बुडापेस्ट आदि द्वारा पुरस्कृत,
सम्प्रति - लेखन, अध्यापन, कम्पयूटर एवं सांस्कृतिक कार्य से संबद्धता वेब पत्रिका 'जनशब्द' एवं - ‘खबर कोसी ’ का संपादन। संपर्क- कला-कुटीर अशेष मार्ग, मधेपुरा, बिहार-852113(बिहार) फ़ोन : 094310 80862