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कविता आज / वाल्ट ह्विटमैन

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अन्धे प्यार और मल्लयुद्ध करते हुए स्पर्श
कवच और तीक्ष्ण दाँतों वाले स्पर्श
क्या मेरा साथ छोड़ते हुए तुम्हें अधिक व्यथा हुई

विदा जो उसी राह लौटकर जाती है
लगातार ऋण का लगातार भुगतान
वर्षा की विपुल बौछार

और उसके बाद विपुल्रतर प्रतिदान
अंकुर निकलते और सघन होते
चट्टान के किनारे सघन और जीवित खड़े

पुंसत्व पूर्ण दृश्य गोचर होते है
पूर्ण विकसित और कनकाभ

अंग्रेज़ी से अनुवाद : विजेन्द्र