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संवेदना / संवेदना / राहुल शिवाय
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नै भावै छै रूपया पैसा,
नै भावै छै कपड़ा-लत्ता,
नै चाहै छी पायल-झुमका,
नै चाहै छी हम मनटिक्का,
सबसेॅ बड़का ई जीवन मेॅ
एतने टा छै बात हे बहिना |
हमरोॅ तॅे सिन्दूरे गहना |
सैंया जी जे होलै विदेशी,
होतै पैसा-कौड़ी बेसी,
मतुर ई जीवन छै केहनाॅे,
सोना लगतै छाउरोॅ जेहनाॅे,
हमरा विरहा के आगिन में
जलना नै छै आबे बहिना |
हमरोॅ तेॅ सिन्दूरे गहना |
दोनाॅे गोटा घाॅेर चलैबै,
बच्चा केॅ भी खूब पढैबै,
दिनभर हम्मू मेहनत करबै,
घरबा केॅ अन-धन सॅे भरबै,
तोहीं बताबाॅे बिन मालिक के
लगतै की ई घरबा बहिना ?
हमरोॅ तॅे सिन्दूरे गहना |
रचनाकाल - 10 जून 2008