Last modified on 9 नवम्बर 2009, at 23:31

आज / आभा बोधिसत्त्व

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:31, 9 नवम्बर 2009 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आज महिला दिवस पर
मन में बहुत कुछ चल रहा है,

क्या लिखूँ क्या न लिखूँ के बीच
समय बीत रहा है,

इसी बीतने में
हर दिवस हर त्यॊहार की तरह
यह भी निकल न जाए.

नही़ नहीं- मैं
मैं लिखूँगी अपनी एक कविता