भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बिजली की कड़क / अब्बास कियारोस्तमी

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:20, 3 अक्टूबर 2023 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कुत्ते के
भौंकने में

बाधा
डाल रही है

गाँव में
बिजली की कड़क

हिन्दी में अनुवाद : असद ज़ैदी