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निशान / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’

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शिलाओं ने जल को
जीभर पटका
बार- बार पछाड़ा
कई बार लताड़ा
वह खिलखिलाया
तभी तो उनको
चूर -चूर कर पाया
टूटा नहीं जल
शिलाओं पर अपने
निशान छोड़ आया।