Last modified on 29 दिसम्बर 2009, at 15:25

कामना / अंतराल / महेन्द्र भटनागर

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:25, 29 दिसम्बर 2009 का अवतरण (कामना (अंतराल) / महेन्द्र भटनागर का नाम बदलकर कामना / अंतराल / महेन्द्र भटनागर कर दिया गया है)


कामना मेरी !

गगन-सी बन,
विकल सिहरन,
प्राण में रह कर समायी री नहीं पाती
सघन नव-बादलों-सी कल्पना मेरी !

सरल दीपक,
चमक अपलक,
वंदना के स्वर हृदय में आज तो बंदी !
सजी है पूर्ण जीवन-अर्चना मेरी !

जलन खोयी,
अमृत धोयी,
जल रही अविरल अकम्पित लौ हृदय की यह
सतत उद्देश्य-लक्षित साधना मेरी !
1949