भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
राम गुसईआ जीअ के जीवना / रैदास
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:03, 13 अप्रैल 2011 का अवतरण
।। राग गौड़ी।।
राम गुसईआ जीअ के जीवना।
मोहि न बिसारहु मै जनु तेरा।। टेक।।
मेरी संगति पोच सोच दिनु राती। मेरा करमु कटिलता जनमु कुभांति।।१।।
मेरी हरहु बिपति जन करहु सुभाई। चरण न छाडउ सरीर कल जाई।।२।।
कहु रविदास परउ तेरी साभा। बेगि मिलहु जन करि न बिलंबा।।३।।