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प्राथमिकता / सुषमा गुप्ता

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दो लोगों का प्रेम
होता नहीं है कभी एक-सा।

वह जब भी मिलता है मुझसे
सामान्य होती हैं
उसकी परिस्थितियाँ
  
परिस्थितियाँ कैसी भी हों मेरी
मैं मिल ही लेती हूँ उससे।