भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सर्दी-बर्फ के गीत / ओमप्रकाश सारस्वत
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:13, 1 अप्रैल 2011 का अवतरण
(1)
जाड़े की धूप
सरसों के फूलों का
ठंडा-सा सूप
(2)
ठंडा शहर
हारे हुए लोगों का
अंधा पहर
(3)
सूर्य की चाल
हांफा-सा आरोह औ
कांपा-सा ताल
(4)
बर्फ में धूप
रिज1 की हथेली पे
पारे का रूप
(5)
बर्फ में नदी
भीतर-ही-भीतर घुटती सदी
(6)
बर्फ में लोग
योग के घेरे में
फँसे हुए भोग
(7)
धूप की माया
विष्णु की छाती पर
लक्ष्मी की छाया2
1. शिमला नगर का एक प्रसिद्ध स्थान।
2. ये लघु गीत हाईकु छंद में है। 'हाईकु'जापानी छंद है जिसमें 5-7-5 वर्णों का क्रम रहता है।