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प्रेम और स्पर्श / अमिता प्रजापति

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प्रेम और स्पर्श
मेरे दो बच्चे हैं

स्पर्श कुछ अधिक चंचल है
दौड़ता है दूर-दूर तक
पूछ-पूछ कर
परेशान रखता है अधिकांश

दूसरा-
प्रेम ज़रा गम्भीर है
बहुत संकट में ही माँ पुकारता है
और अधिकतर समय
ख़ुद ही
अपनी माँ बना रहता है।