भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
चिड़िया / सुदर्शन वशिष्ठ
Kavita Kosh से
प्रकाश बादल (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:20, 18 फ़रवरी 2009 का अवतरण
जो सदा रहती है एक-सी
चुस्त फुदकती हुई
चिड़िया रहती है मैदान में
जंगल में ऊंचे पर्वतों में।
ऊंचे पहाड़ पर मिली एक चिड़िया
जो भाग रही थी लगातार
जीप के आगे
जैसे भागती है अनजान गाय भौंचक्की
बस के आगे सरपट
भागती जाती इधर-उधर नहीं देखती
वैसे ही भाग रही थी चिड़िया।
इतनी ऊँचाई पर जीप का चलना
आश्चर्य है
इससे बड़ा आश्रय है
चिड़िया का जीप के आगे भागना।