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दुःख में तपकर / अवतार एनगिल
Kavita Kosh से
वह
अशोक वाटिका में रही
पर अ-शोक न भई
कि दुःख में तपकर ही
होती है अर्जित
यह शीतलता---
कोई अग्नि जिसे
जला नहीं पाती।