Last modified on 25 जुलाई 2020, at 21:22

मयूरी / हरिवंशराय बच्चन

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:22, 25 जुलाई 2020 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मयूरी,
नाच, मगन-मन नाच!
गगन में सावन घन छाए,
न क्‍यों सुधि साजन की आए;
मयूरी, आँगन-आँगन नाच!
मयूरी,
नाच, मगन-मन नाच!

धरणी पर छाई हरियाली,
सजी कलि-कुसुमों से डाली;
मयूरी, मधुवन-मधुवन नाच!
मयूरी,
नाच, मगन-मन नाच!

समीरण सौरभ सरसाता,
घुमड़ घन मधुकण बरसाता;
मयूरी, नाच मदिर-मन नाच!
मयूरी,
नाच, मगन-मन नाच!

निछावर इंद्रधनुष तुझ पर,
निछावर, प्रकृति-पुरुष तुझ पर,
मयूरी, उन्‍मन-उन्‍मन नाच!
मयूरी, छूम-छनाछन नाच!
मयूरी, नाच, मगन-मन नाच!