Last modified on 21 अप्रैल 2008, at 18:44

गावैं गुनी गनिका गन्धर्व / रसखान

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:44, 21 अप्रैल 2008 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

गावैं गुनी गनिका गन्धर्व औ सारद सेस सबै गुण गावैं।

नाम अनन्त गनन्त गनेस जो ब्रह्मा त्रिलोचन पार न पावैं।।

जोगी जती तपसी अरु सिद्ध निरन्तर जाहिं समाधि लगावैं।

ताहिं अहीर की छोहरियाँ छछिया भरि छाछ पे नाच नचावैं।।