Last modified on 1 जनवरी 2010, at 22:10

ईश्वर न करे / धर्मवीर भारती

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:10, 1 जनवरी 2010 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

ईश्वर न करे तुम कभी ये दर्द सहो
दर्द, हाँ अगर चाहो तो इसे दर्द कहो
मगर ये और भी बेदर्द सजा है ए दोस्त!
कि हाड़ हाड़ चिटख जाए मगर दर्द न हो!