Last modified on 1 जनवरी 2010, at 22:11

तप्त माथे पर / धर्मवीर भारती

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:11, 1 जनवरी 2010 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

तप्त माथे पर, नजर में बादलों को साध कर
रख दिये तुमने सरल संगीत से निर्मित अधर
आरती के दीपकों की झिलमिलाती छाँह में
बाँसुरी रखी हुई ज्यों भागवत के पृष्ठ पर