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सदस्य वार्ता:Dkspoet

Kavita Kosh से
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संग्रहों के चित्र

प्रिय धर्मेन्द्र,


आप संग्रहों के जो चित्र अपलोड करते हैं उनमें से कई काफ़ी नीरस किस्म के होते हैं। सफ़ेद बैकराउंड पर बस संग्रह और रचनाकार का नाम लिखा होता है। मेरे ख्याल में हमें कोशिश करनी चाहिये कि हम इससे बेहतर और रंगीन चित्रों का प्रयोग करें। ये सफ़ेद चित्र कोई भी नयी जानकारी या रुचिकर ग्राफ़िक्स नहीं दिखाते हैं। आप ऐसे चित्रों को अपलोड करते रह सकते हैं लेकिन साथ ही कोशिश करें कि संग्रह के कवर का बेहतर चित्र मिल जाये। और ऐसा होने पर आप कोश में कवर का चित्र बदल दें।


आपको अपने वार्ता पन्नें से सामग्री हटाने की ज़रूरत नहीं है। विभिन्न सदस्यों के बीच की वार्ता बाद में अन्य सदस्यों के काम भी आ सकती है। उदाहरण के लिये आपके वार्ता पन्नें पर मेरे इस संदेश को पढ़कर (वर्तमान और भविष्य दोनों के) अन्य सदस्य भी चित्रों के बेहतर होने की बात को समझ सकेंगे।


आशा है आप स्वस्थ व प्रसन्न होंगे।


--सम्यक ०६:२३, १४ दिसम्बर २००९ (UTC)

री-अपलोड

प्रिय धर्मेंद्र,


चित्रों के नये वर्ज़न को अपलोड करने (यानि री-अपलोड करने) का अधिकार भी कविता कोश में केवल कुछ योगदानकर्ताओं को ही दिया गया है। जब कभी भी आपको री-अपलोड करने की ज़रूरत पड़े तो मुझे लिखियेगा। मैं आपको यह अधिकार देने में सक्षम हूँ। अधिकार मिल जाने के बाद आपको बस इतना करना है कि जिस नाम से चित्र पहले से मौजूद है बिल्कुल उसी नाम का नया वर्ज़न अपलोड करें। सिस्टम आपसे कहेगा कि इस नाम से एक फ़ाइल पहले ही अपलोड की जा चुकी है -क्या क्या इस फ़ाइल का नया वर्ज़न अपलोड करना चाहते हैं? आपको हाँ कहना है और नया वर्ज़न अपलोड हो जाएगा।


--सम्यक १२:०६, १४ दिसम्बर २००९ (UTC)

चित्रों के नाम...

धर्मेन्द्र,


कृपया अपलोड किये जाने वाले चित्रों के नाम अंग्रेज़ी अक्षरों में ही लिखें। इस समय वैसे कोई समस्या नहीं है -लेकिन संभव है कि भविष्य में हिन्दी नाम वाली फ़ाइल्स को किसी और काम के लिये प्रयोग करते समय कोई समस्या आए।


धन्यवाद


--सम्यक ०६:४३, २४ दिसम्बर २००९ (UTC)

धर्मेन्द्र जी! रंजना भाटिया को असुरक्षित कर दिया है।--अनिल जनविजय ०७:५१, २५ दिसम्बर २००९ (UTC)

धर्मेन्द्र जी ! चन्द्रभूषण को असुरक्षित कर दिया है।--अनिल जनविजय १५:१९, २५ दिसम्बर २००९ (UTC)

धर्मेन्द्र जी ! देवी नांगरानी, शार्दुला नोगजा और कविता वाचक्नवी को असुरक्षित कर दिया है।--अनिल जनविजय १५:५०, २५ दिसम्बर २००९ (UTC)

पन्नों के नाम बदलना

प्रिय धर्मेंद्र,


आप कविता कोश में पहले से उपस्थित पन्नों की त्रुटियों को सुधारने का महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं। इसी संबंध में आप बहुत से पन्नों के नाम भी बदल रहे हैं; लेकिन ऐसा करते समय आप उस पन्नें की ओर जाने वाले लिंक को नहीं बदल रहे हैं। उदाहरण के लिये आपने "जलसाघर(कविता) / श्रीकांत वर्मा" का नाम बदलकर "जलसाघर (कविता) / श्रीकांत वर्मा" कर दिया गया है। लेकिन श्रीकांत वर्मा के "जलसाघर" नामक संग्रह पर इस कविता के लिंक में आपने यह बदलाव नहीं किया। लिंक अभी भी "जलसाघर(कविता) / श्रीकांत वर्मा" की ओर ही जाता है (और फिर वहाँ से redirect हो कर नये नाम वाले पन्ने तक पहुँचता है)। यदि आप लिंक्स भी बदल देंगे तो बेहतर होगा।


--सम्यक 09:10, 29 दिसम्बर 2009 (UTC)

टीम के सदस्य

बन्धुवर, आपने यह नोट कर लिया होगा कि आपको कविताकोश टीम का सहयोगी सदस्य बना लिया गया है। जल्दी ही कुछ आवश्यक अधिकार भी आपको सौंप दिए जाएंगे। लेकिन उससे पहले टीम की एक मीटिंग में सब तय करना होगा। इसलिए इस काम में थोड़ा समय लगेगा। आशा है, आप थोड़ा-सा धीरज रखेंगे। सादर --अनिल जनविजय 21:53, 1 जनवरी 2010 (UTC)

नाम बदलते समय नाम में उपस्थित त्रुटियों को भी ठीक करते जाएँ

प्रिय धर्मेन्द्र जी, आशा है आप सकुशल है , कृपया नाम बदलते समय नाम में उपस्थित त्रुटियों को भी ठीक करते जाएँ , ज़्यादातर ये त्रुटियाँ अनावश्यक चन्द्र बिंदु के प्रयोग या उर्दू के शब्दों के गलत प्रयोग की हैं जैसे अभी रघुनाथ जी के कविता में ----------------- भातें में, तें में चन्द्र बिंदी का प्रयोग था जो कि गलत था, ऐसे ही अभी आपने सूरदास जी की एक रचना के नाम को बदला है जिसमें मैं, में बिंदी की जगह चन्द्र बिंदु का प्रयोग है साथ-साथ ठीक करते जाने से समय और मेहनत दोनों का सदुपयोग हो सकेगा कृपया छंद में कविता की श्रेणी देने से पहले एक बार इस विषय पर अनिल जी से चर्चा कर ले मेरे विचार से छंद जो की चार पंक्तियों का है वो कविता की श्रेणी में नहीं जाना चाहिए बाकि अनिल जी भाषा के विद्वान् है वही ज्यादा बेहतर बता सकते हैं

सादर --Shrddha 08:33, 2 जनवरी 2010 (UTC)