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जिंदा शहर / लाल्टू

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चालीस किलोमीटर प्रति घण्‍टे
फिसलती सड़क रूकी अचानक
सभी पैसेन्‍जर
बढ़ आए गेट तक

ओए- उस बूढ़े ने कहा
तेरी...- कोई और चीख़ा

उछल पड़े
चार लोग
उस मनहूस पर
जो एक औरत को पीट रहा था

बस फिर चल पड़ी
इस बेजान शहर में
सब कुछ सुंदर लगने लगा अचानक
कहता रहा खुद से बार-बार
जान है, अभी यहाँ जान है।