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कविता / महेंद्रसिंह जाडेजा

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एक हृदय से
दूसरे हृदय तक पहुँचे
वह कविता ।

तुमने
गुलाब की व्याख्या की
और
गुलाब खो बैठे,

कविता की व्याख्या की
और कविता....


मूल गुजराती भाषा से अनुवाद : क्रान्ति