Last modified on 20 अक्टूबर 2010, at 22:51

दिन बीत गया / केदारनाथ अग्रवाल

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:51, 20 अक्टूबर 2010 का अवतरण

दिन, बीत गया,
अब रीत गया,
जमुना-जल के छलके-छलके
मृग-मारुत के पग से चलके
हलके-हलके बिजना झलके

रचनाकाल: ०७-०२-१९५६