भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जलम भौम !/ कन्हैया लाल सेठिया

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:02, 17 अक्टूबर 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कोनी म्हारी
सींवां पर हिमाळो,
आंगणियैं गंगा‘र जमना
वनां में चनण‘र देवदार
बाड़यां में काजू‘र केवड़ा

म्हारी सींवां पर है
जुझारां री देवळयां
लोही स्यूं तिरपत आंगणियूं
केषरिया बानां पहर्यां रोहिड़ा
जौहर रा साखी फोग‘र खैजड़ा !