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सै‘र (2) !/ कन्हैया लाल सेठिया

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सै‘र
कुंआरी सुन्याड़ सागै करयोड़ो बलात्कार
रैग्यो अणचाय पेट
जलमगी दोगळी सभ्यता
कुण पकड़ै ईं कुलनासी रो हाथ
डावड़ी बण‘र बापड़ी
करै आप रा दिन आघा !